वीर सावरकर ( विनायक दामोदर सावरकर) एक वीर चिंतक नेता
वीर सावरकर ( विनायक दामोदर सावरकर) एक वीर चिंतक नेता भारत देश जब सोने की चिड़िया था उस समय इच्छुक ऊर्जावान वीर नौजवान राजकाज , पुलिस , सेना ,सुरक्षा बल, प्रशासक ,शिक्षण -प्रशिक्षण का कार्य करते थे। भारत के गुलाम होने पर यह संख्या घटती रही और विदेशी लोग सभी क्षेत्र में कमांडर ,शिक्षक-प्रशिक्षक ,प्रशासक बनते रहे। बन्दूक ,तोप ,गोला बारूद का जखीरा , सम्पदा , भूमि पर उन्ही विदेशियों का नियंत्रण रहा। विश्व युद्ध में भारतीय सैनिक ,ब्रिटिश साम्राज्य के आधीन मरते रहे ,उनके चमचे जनता को जानकारी देना नहीं अपितु खूब शोषण करने में लगे थे। वीर सावरकर भारत माता के ऐसे सपूत थे जिन्होँने हिन्दू महासभा का अध्यक्ष होने के उपरांत हिन्दुओं को विश्व युद्ध में ब्रिटिश सरकार का समर्थन करने और हथियारों का अधिक से अधिक प्रशिक्षण लेने का आवाह्न किया जिसका परिणाम यह हुआ की विश्व युद्ध से घिरी ब्रिटिश सरकार ने भारत के वीर नौजवानों को बन्दूक ,तोप ,गोला-बारूद के जखीरे ,अनेक उत्पादक क्षेत्र ,संस्थानों का मुखिया बनाया । गा...