स्वामित्व योजना

श्रीमान जय राम ठाकुर जी मुख्यमंत्री हिमाचल प्रदेश।
    नमस्कार।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पंचायती राज दिवस के मौके पर  स्वामित्व योजना की शुरुआत की। इस योजना के माध्यम से देश के ग्रामीण इलाकों में आवासीय जमीन का मालिकाना हक आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल करते हुए किया जा सकेगा। इस योजना में ग्रामीण इलाकों की जमीन की ड्रोन की मदद से पैमाइश हो सकेगी।
 इस योजना का उद्देश्य संपत्ति का रिकॉर्ड बनाना तथा उसका स्वामित्व तय करना है। इस योजना के लॉन्च करने के मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए देशभर की ग्रामपंचायतों से वीडियो कन्फ्रेंसिंग भी की।जानिए 'स्वामित्व योजना' के फायदे और खास बातें-
1-  स्वामित्व योजना का उद्देश्य ग्रामीण इलाकों की आवासीय जमीन का स्वामित्व तय करना और उसका रिकॉर्ड बनाना।
2- इस योजना की शुरुआत भारत सरकार के पंचायती राज मंत्रालय के तहत  पंचायती राज दिवस के मौके पर की गई।
3- जब से यह सामने आया कि ग्रामीणों के पास उनकी आवासीय जमीन का कोई रिकॉर्ड नहीं और न ही इसे साबित करने के लिए उनके पास कोई दस्तावेज नहीं है। तो इसके लिए एक योजना की जरूरत महसूस की जार रही थी कि जिससे कि उस जमीन का रिकॉर्ड तय हो सके।
4- इस योजना के जरिए ग्रामीण इलाकों में लोगों को आवासीय जमीन की सम्पत्ति का अधिकार मिल सकेगा।
5- ड्रोन का इस्तेमाल कर ग्रामीण इलाकों की आवासीय जमीन की पैमाइश होगी जिससे कि जमीन के मालिकाना हक पर किसी प्रकार का विवाद न रहे। इसे पूरा करने के लिए गूगल मैपिंग जैसी अत्याधुनिक तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा।
6 - ग्रामीण इलाकों में आवासीय संपत्ति का रिकॉर्ड बन जाने के बाद संपत्ति के मालिकों से कर वसूली भी की जा सकेगी। टैक्स से आने वाले धन से ग्रामीण इंफ्रक्सट्रक्चर के लिए इसस्तेमाल किया जा सकेगा।
हिमाचल में राजस्व विभाग में राजस्व अधिकारी ,पटवारी ,कानूगो ,तहसीलदार अदि सभी मिलकर भी सही निशान देहि नहीं करते, बार बार निशान देहि से स्थान कैसे बदल जाते हैं? सरकारी सड़क जब बनी तब जो निशानदेहि की गई वो कई वर्षों बाद कैसे दूसरे की मालकियत में आ जाती है। गांव गांव शहर शहर झगड़े की जड़ गलत निशान देहि होती है। सरकारी सड़कें ,पटवारखाने ,स्कूल तक दान दी गई जगह से अलग क्यों मिलती है ?
फ़ौज में साधारण सिपाही भी map reading जानता है वहां Map to Ground and Ground to map 100% सही होता  है ,क्योंकि ये डिग्री के आधार पर है। हिमाचल में कई पटवार सर्कल १०० साल बीत जाने पर भी बंदोबस्त नहीं हुआ है। जब कभी बंदोबस्त होगा तो कई लोगों के पूरे जीवन की कमाई पर ग्रहण लग जायेगा यदि नई निशानदेही में मालिक दूसरा बना।
आदरणीय जय राम ठाकुर जी मुख्यमंत्री हिमाचल प्रदेश जहाँ जहाँ  ५० साल से ऊपर बंदोबस्त नहीं हुआ वहां तो पहले चरण  में  ड्रोन का इस्तेमाल कर ग्रामीण इलाकों की आवासीय जमीन की पैमाइश करें  जिससे कि जमीन के मालिकाना हक पर किसी प्रकार का विवाद न रहे। इसे पूरा करने के लिए गूगल मैपिंग जैसी अत्याधुनिक तकनीक का इस्तेमाल करें। 


     धन्यवाद् 
                     संतोष कुमार भारद्वाज पूर्व एन सी सी अधिकारी (HP Edu.Deptt)
                     गांव  धरोग  डाकघर  जौणाजी 
                     तहसील और जिला सोलन ( हिमाचल प्रदेश ) १७३२१२ 

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