Hans chugega dana dunka koa moti khayega,Esa kalyug ayega.

एसा गाना
राम चंद्र जी कह गए सिया से

एसा कलयुग आयेगा  हंस चुगेगा दाना दुनका कौआ मोती खायेगा। 

वही चरितार्थ होता है भारत मे

१)      कम पढ़ेलिखे उच्च पद पर आसीन है और यूनिवर्सिटी के टोपर या बेरोजगार है या निम्न पद पर नियुक्त है।
अनेक साधारण सनातक  डिग्री  धारी हिमाचल मे  अध्यापक है परन्तु  पीएचडी धारक शिक्षक न बन सका वह गैरशिक्षक पद पर ही  रहा। जिला सोलन हिमाचल का केस है।
कैसी है सरकारी नियुक्ति  ?

२) देश में अनुदान सब्सिडी गरीबी रेखा  ,व,  आरक्षण का बोलबला है  परन्तु जो लाभ ले रहे है वह  अपनी  आय को कहाँ   व्यय  कर रहे है जिससे उनकी व परिवार की गरीबी दूर नहीं होती। उनकी  शिक्षा  भी जरूरी है।  जब मिले यूँ तो करें क्यों ?

३)  शरीफ साधरण लोग बैंक से लोन लेकर मजबूर होते हुए भी  क़िस्त ब्याज सहित लौटाते  रहते  है लेकिन चतुर लोग, बड़ी संपत्ति वाले लोग लोन वापिस करने मे  डिफॉल्टेर होते रहते है। उन्ही चतुर लोगों का सरकार भी लोन माफ़ करती है।  यह मैने जौणाजी सोलन  किसान  लोन  माफ़ी में नोट किया है। 

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