संदेश

अगस्त, 2020 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

हिमाचल के रामलोक में तपस्वी श्री अमर देव

हिमाचल के रामलोक  में तपस्वी श्री अमर देव हिमाचल के कंडाघाट -कालीटिब्बा क्षेत्र में १०-१२ वर्ष की उम्र में रामभक्त अमरदेव जी का आगमन हुआ वह साधारण परिवारों में निवास करते और रामचरितमानस  पाठ करते ,उनकी तपस्या साधना प्रभाव से  लोगों ने उन्हें रूडा (कलहोग )कंडाघाट में कुटिया बना दी। उनके आशीर्वाद ,तपस्या का प्रकाश फैलने लगा और भक्तों की वृद्धि हुई ,लगभग २५-३० वर्ष की उम्र में दशहरा संघ पथसंचलन के मुख्य वक्ता बने।  उनकी कुटिया में मुख्य मंत्री  व् अन्य  मंत्रियों का भी आगमन होता रहा। उनके साधक  शिष्यों ने भगवान्  राम , नव ग्रहों , माँ दुर्गा , माँ भीमा काली और अन्य देवताओं का भव्य मंदिर निर्माण किया है। भव्य स्वर्ण मूर्तियां स्थापित की है। श्री अमरदेव दिव्य अनुभव के स्वामी है और वह संत श्री आशारामजी बापू के बारे में वह स्पष्ट कहते  है कि वह महान संत है और राजकीय तंत्र की ऑंखें फटी है ,जो प्रताड़ना कर रहे हैं। राम भक्त श्री अमरदेव जी उग्र स्पष्ट वक्ता हैं  इसलिए कई छुट भैया नेता उनके विरोधी रहे ,छापे डलवाए , हमला किया ,महिला केस भी किया...

गरीब रहो ,चुपके जमीन बेचो , नशा करो , परिवार का शोषण करो अभियान।

                                                             हिमाचल प्रदेश में सरकार ने हिमाचली किसानो की शामलात भूमि  भूमिहीनों को  और हिमाचली किसानो  की भूमि में जोत करने वाले  बटाइ मजदूर ( मुजारों ) को  जमीन दिलवाई , उन्हें मालिक बनाया। अनेक साधन  संपन्न नशेड़ी किसान / परिवार को छोड़ दूसरे  स्थान में बसे  भूस्वामियों ने  और गरीबों ने अपनी हिमाचली भूमि को चुपके चुपके बेचने का अभियान चलाया हुआ है।  इससे प्रभावित परिवार गरीब हो रहे है।  ओना-पोना पैसा पारिवारिक लड़ाई, मुकदद्मे , और शोषण को जन्म  दे रहा है।  अतः सरकार से अनुरोध है कि सरकार द्वारा भूमिहीन और मुजारों को एलाट भूमि को कभी बेचीं न जा सके।  उनके घरों पर BPL की तरह सरकारी भूमि एलाट   बोर्ड लगे। इसके इलावा जो भी हिमाचली पैतृक भूमि बेचना चाहे उसे पत्नी /पति बच्चों से अनापत्ति...

आश्रम /मंदिर जाना जरुरी क्यों ?

मनुष्य जो सोचता है , जिसकी संगती करता है ,जिसके दर्शन करता है, जिसकी बातें सुनता है , वह  उसकी तरह ही बनता रहता है , उसीके गुणों /अवगुणो   का समावेश  होता रहता  है।--- भगवान श्री कृष्ण  इसी प्रकार यदि कोई स्त्री /पुरुष   मंदिर जाये  तो हिन्दू मंदिर में गुरु/ देव/ देवी के मूर्त /स्थान के  दर्शन होंगे जो अवश्य ही  वीर ,गंभीर , शक्तिवान , तेजस्वी , आकर्षक ,ऊर्जावान चरित्र के स्वामी/स्वामिनी होंगे।  उसका सीधा असर पड़ेगा।  यदि कोई इसका प्रयोग करे तो प्रमाण मिलेगा।                                                                                                                                 ...