Srimad bhagwad Geeta Rahasya 3/30

मयि सर्वाणि कर्माणि सन्नयस्याध्यात्मचेतसा ।
निराशीर्निर्ममो भूत्वा युध्यस्व विगतज्वरः ॥

 मुझ अन्तर्यामी परमात्मा में लगे हुए चित्त द्वारा सम्पूर्ण कर्मों को मुझमें अर्पण करके आशारहित, ममतारहित और सन्तापरहित होकर युद्ध कर॥

श्रीमद्भगवद्गीता एक मात्र ऐसा ग्रन्थ है जो स्पष्ट करता है कि सच्चाई के लिए, न्याय के लिए युद्ध करना चाहिए।  यह युद्ध     आशारहित, ममतारहित और सन्तापरहित होकर करना होगा।
हम देश भारत में देखते हैं कि जो लोग  या समुदाय हिंसक हैं या धनवान हैं उनके खिलाफ मीडिया , सरकार ,न्यायपालिका नरम रुख अपनाती है।  जो साधु/ संत व् समुदाय शांत रहते हैं उनके खिलाफ षड़यंत्र होते हैं मीडिया , सरकार ,न्यायपालिका रुख  भेदभाव वाला दीखता है।  अतः सच्चाई के लिए, न्याय के लिए   यह   आशारहित, ममतारहित और सन्तापरहित होकर संघर्ष  करना होगा।
श्री नारायण साई और संत श्री आसारामजी बापू पर  सूरत की दो महिलाओं ने ११ और १२ साल पहले रेप किया ऐसा केस किया , हिन्दू द्रोही मीडिया ,भ्रष्ट पुलिस ,जाहिल नेता ,अंधी न्यायपालिका  का खेल देखो,  तारीख पे तारीख पर जेल।
साधकों का शान्ति मार्च देश में चल रहा है परन्तु मीडिया को ,ओबेस्सी,मौलवी, से फुर्सत कहाँ ?
रेप का आरोप भारत के मुख्य न्यायाधीश ,राहुल गाँधी ,दीपक चौरसिआ पर भी लगा , देश की मजबूर जनता ने देखा कि उन्हें गिरफ्तार तो क्या अंधी न्यायपालिका ने ,भष्ट पुलिस ,मीडिया केस रफा करता रहा। 

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