सनातनी साधु संत को जानो
सनातनी साधु संत को जानो
भारत के साधु संत प्रसिद्व अखाड़ों से सम्बन्ध रखते हैं तथा उनके सनातनी ब्रह्म ज्ञानी गुरु से पद्धती होती है.
जैसे पूरी,गिरी,नागा,नाथ ,परम हंस,सरस्वती,ब्रह्मचारी,उदासी ,आदि अदि।
एक साधारण मानव भी उन्हें पहचान सकता है यदि वह सनातन विरोधी व पूर्वाग्रह से ग्रसित न हो.
अपने आश्रम के नियम ,क्रिया करनी होती है।
सभी अखाड़ों के शिष्यों को प्रशिक्षण काल में आश्रमों में ,गुरु कुटिया में नियम ,क्रिया करनी होती है।
अनेक शिष्यों को उनकी दक्षता व दिव्यता के आधार पर जिम्मेदारी दी जाती है ,कुछ शिष्यों को स्वतंत्र आश्रम की आज्ञा मिलती है ,कुछ शिष्यों को एकान्त वन ,पहाड़ ,नदी तट ,तीर्थ स्थान की आज्ञा मिलती है।
अधिकतर साधु इस कलयुग में गृहस्थ समाज में जाना व् घूमना नहीं चाहते परन्तु गुरुदेव की कठोर आज्ञा के कारण शिष्यों को प्रशिक्षण काल में समाज में जाकर भिक्षा मांग कर भजन ,जप ,ध्यान करना होता है अनेक बार अपमान भी सहना होता है। आज हिन्दू समाज स्वयं वेद ,पुराण,योग ,तप, उपवास से अनभिज्ञ है ,स्थानीय आश्रम ,मंदिर नहीं जाते । तीर्थ स्थल पर पर्यटन ही करते है ,अपने कुल इष्ट ,कुलजा का नियम ,क्रिया को जानना नहीं चाहते ,ऐसा समाज भारत के सनातनी साधु संत ,उनकी दिव्यता , उनके तेज , उनके आशीर्वाद को जानने की योग्यता नहीं रखता इसीलिए वीरता खत्म तथा नशा ,लूट-पाट ,अन्याय का बोल-बाला हो रहा है।
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